चल रहे सम्बन्ध पर क्यों भुनभुनाएँ ? है यही बेहतर नया रिश्ता बनाएँ। चल रहे सम्बन्ध पर क्यों भुनभुनाएँ ? है यही बेहतर नया रिश्ता बनाएँ।
आज दिखी यादें जो बंद थीं किताबों में। आज दिखी यादें जो बंद थीं किताबों में।
बहुत सोच समझ कर किया विचार, फूल जमा करने का अब लिया है ठान। बहुत सोच समझ कर किया विचार, फूल जमा करने का अब लिया है ठान।
पंख पंख
आने को बरसात, विरहनी भरा मन उमंग। आने को बरसात, विरहनी भरा मन उमंग।
उठो लाल! और नहीं स्वप्न की बारी अब, बीती रात कमल दल फूले........ उठो लाल! और नहीं स्वप्न की बारी अब, बीती रात कमल दल फूले........